Saturday, December 20, 2008

मौत तू एक कविता हॆ

मौत तू एक कविता हॆ
मुझसे एक कविता का वादा हॆ मिलेगी मुझको
डूबती नब्जोंमें जब दर्द को नींद आने लगे
जर्द सा चेहरा लेकर जव चांद उफ़क तक पहुंचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
ना अंधेरा ना उजाला हो, ना अभी रात ना दिन
जिस्म जब खत्म हो और रुह को जब सांस आये
मुझसे एक कविता का वादा हॆ मिलेगी मुझको…

आनंद

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